Friday 14 January 2022

ज़िन्दगी : चाय की दुकान

 आज सुबह एक पोस्ट पढी

सबकी फरमाइशें पूरी करना
आसान थोड़े ही है
ये ज़िन्दगी है ज़नाब
चाय की दुकान थोड़े ही है |

मेरा नजरिया
फरमाइशों के मामले में
ज़िन्दगी चाय की दुकान ही तो है
या तो जैसे परोसी है पीलो
या सब्र करो अपनी ख्वाइश बोलो
दुकानदार” देगा तुम्हे जैसी तुम चाहो
ईलायची वाली के साथ केक भी पावो !

-रविन्द्र कुमार करनानी
© Ravindra Kumar Karnani (rkkarnani@gmail.com)







1 comment:

  1. बहुत खूब सुबह की चाय एक नशे की तरह होती है जो सबके जीवन को आनंदित कर देती है और उनकी शुरुआत अच्छी होती है

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