फूल की फ़रियाद
नहीं मांगता कुछ बहुत अधिक
कुछ क्षण रोक ले अपने कदम
हाथ में उठा डाल मुझपर नयन
खिला चेहरा, दे मीठीसी मुस्कान
ऐसा नहीं की बचाने मुझे हैं प्राण
बस चाहूँ पैरों से ना कुचला जाऊँ
गर हाथों से मसलोगे कोई गम नहीं
जाते जाते गंध तेरे हाथो को दे जाऊं
-रविन्द्र कुमार करनानी
5 अप्रैल 2021
© Ravindra Kumar Karnani (rkkarnani@gmail.com)
फूलों का जीवन है एक अलग जीवन है फोटो पर चढ़ जाए तो माला बने और शरीर पर चढ़ जाए तो कफन का रूप में चढ़ता है क्या रूप बनाया है इन फूलों का
ReplyDelete